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अब ग्रीन एनर्जी को बढ़ावा देने के लिए सीमेंट कंपनी भी ख़रीदेगी गोबर, पशु पालक किसानों को मिलेगा लाभ

सीमेंट कंपनी और सरकार के बीच हुआ समझौता

सीमेंट कंपनी और सरकार के बीच हुआ समझौता छत्तीसगढ़ सरकार राज्य में ग्रामीणों, किसानों एवं पशुपालकों की आय बढ़ाने के लिए गोधन न्याय योजना के तहत 2 रुपए प्रति किलो की दर से गोबर की खरीदी कर रही है। सरकार द्वारा खरीदे गए इस गोबर से गौठानों में कार्यरत स्व-सहायता समूहों द्वारा कई उत्पाद तैयार किए जा रहे हैं। इस कड़ी में अब सीमेंट कम्पनी भी शामिल हो गई है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की उपस्थिति में 21 मार्च के दिन श्रीसीमेंट उद्योग और जिला प्रशासन बलौदाबाजार-भाटापारा के बीच एमओयू हुआ। बलौदाबाजार-भाटापारा जिले के सिमगा विकासखण्ड में स्थापित श्री सीमेंट उद्योग द्वारा गोबर क्रय करने की सहमति दी गई है। अब श्रीसीमेंट कम्पनी द्वारा कोयले की जगह ग्रीन एनर्जी को बढ़ावा देने के लिए प्रतिदिन 10 मीट्रिक टन गोबर खरीदा जाएगा। कम्पनी द्वारा खरीदे गए इस गोबर का उपयोग एडीशनल फ्यूल रिर्सोसेज के रूप में गोबर की भट्टी को गरम करने में कोयले के साथ करेगी। 

95 गाँव के किसानों को मिलेगा लाभ

बलौदाबाजार-भाटापारा जिले में 07 गौ-शालाएं हैं, जिसमें 1739 पशुओं को रखा गया है, इनमें 04 सिमगा विकासखण्ड में ही स्थित है जो 20-25 किलोमीटर की दूरी पर है। गौ-शालाओं से भी प्रति दिवस 6 मीट्रिक टन गोबर दिए जाने की संभावना है। जिले में उद्योगों के समीपस्थ लगभग 95 गांव हैं, जिसमें पशुओं की संख्या लगभग 80 हजार है। अधिकारियों ने बताया कि श्रीसीमेंट के सबसे समीप के गांव चण्डी में गोबर अन्य स्थानों से एकत्र कर कंपनियों को दिया जायेगा। गोबर की पूर्ति सीमेंट उद्योग के 15 किलोमीटर के परिधि वाले 16 गांव से प्रतिदिवस 10 मीट्रिक टन गोबर प्रदाय किया जाएगा। कम्पनी को अब तक 38.8 मीट्रिक टन गोबर प्रदाय किया जा चुका है। 

गोबर से तैयार किए जा रहे हैं कई उत्पाद

छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा राज्य में ग्रामीणों, किसानों एवं पशुपालकों से 2 रुपए प्रति किलो के हिसाब से गोबर की खरीदी की जाती है। किसानों से खरीदे गए इस गोबर से सरकार द्वारा वर्मी कम्पोस्ट खाद, दिये, गोकाष्ठ, गमले, प्राकृतिक पेंट एवं बिजली उत्पादन जैसे कई कार्य किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में बलौदाबाजार-भाटापारा जिले के श्रीसीमेंट उद्योग ने एडीशनल फ्यूल रिर्सोसेज के रूप में गोबर का उपयोग करने का फैसला लिया गया है, जो आगामी समय में पशुपालकों के लिए लाभकारी साबित होगा।

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